Saturday, 23 February 2013

सुबह आहें भर लेंगे हम



सुबह आहें भर लेंगे हम
रात को नाले करेंगे हम
मस्त रहो तुम हाल में
तुम बिन हम जी न सकेंगे

फिर भी कहो तो खुश खुश जी लें
सोच सको तो बिगड़ा है
देख सको तवा देखो ना
अब बहुत कुछ हो सकता है

रात कोई पहलू में था मेरे
सुबह से लेकिन पहले
इक एक अब पूछ रहीं हूँ
तुम तो नहीं थे तुम तो नहीं थे

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