Saturday, 23 February 2013

चलो सपनों में मिलते हैं




चलो सपनों में मिलते हैं
कि नींद बांट लेते हैं
ज़माने की नज़र से दूर जाकर घूम आते हैं
नई दुनिया बसाते हैं
जहां न कोई रोकने वाला
न टोकन वाला हो
न कोई डर दुनिया
न कोई डर समय का
जहां बारिश प्यार
हमें मदहोश कर जाए
तुम्हारे सामने हूँ
हमारे सामने तुम हो
चलो इस जिंदगानी में
अमर कर अपनी कहानी को
तो सपनों में मिलते हैं
प्यार ओढ़ लेते हैं ...!

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